Battle Against Ayurveda is a Fight for Our Survival
The Case against Patanjali by Indian Medical Association and the tone of Judiciary is alarming. We need to look into its historical and global context to fully grasp its ramification.
Is love only of words? I wanted to explore that. Here is another audio.
आज टीवी पर राजीव को देखा. थोड़ा मोटा हो गया है. उसकी नयी फिल्म आई है जिसमें नायक नायिका से उनके रिश्ते की सच्चाई के बारे में पूछता है. नायिका उत्तर नहीं देती और वो चला जाता है. फिर कभी न आने के लिए. राजीव भी ठीक ऐसे ही गया था. मैं सोचती रह गयी कि उस दिन मैं कुछ क्यों न बोल पाई? वो तो अपने प्यार का भरोसा मांगने आया था शायद. या मुझे एक लम्बे समझौते का निओता देने? और जानना चाहता था कि मेरा प्यार उसकी कसौटी पर खरा उतर भी पायेगा या नहीं? ३ साल के लम्बे रिश्ते के बाद, जिसमें मेरी आँखों ने और मेरे शब्दों ने इतना कुछ कहा, वो फिर मुझसे क्या सुनने आया था? मेरे प्रेम की गहराही और मेरी तड़प को क्या वो कभी देख नहीं पाया?
शायद जो मैं कहना चाहती थी वो फिर भी कभी कह न पाई. जो मैं कह पाई वो राजीव समझ ही न पाया. और जो भी उसने समझा, वो संभवत मेरा प्रयोजन ही न था.
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