Geostrategic engagements of Indian PM Modi and his cabinet suggest that India's actions are striking at the very root of the Deep State. That is why everyone from George Soros to his plant Donald Lu are busy planning. A deeper look.
The attack on the Hindus in Pakistan, Bangladesh and the West has been on the rise as is the Hindumisia. The Hindus are also losing their ground in India at a rapid pace. What is our future?
शब्द और दर्शन एक कवि की अभिव्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी होते हैं। अमित अग्रवाल जी की यह काव्य संग्रह “चटकते कांच-घर” उनके मन की संवेदना का एक दर्पण है। हिंदी में लिपटी उर्दू शायरी की शैली लेकर अमित जी ने कुछ गहरे विचारों से हमारा साक्षात्कार कराया है।
हर समाज में कविता बदलती और बहती अविरल धारा का एक प्रतिबिम्ब मात्र होता है।
कबीर ने अपने समय की सार्वजनिक भाषा में अपना दर्शन व्यक्त किया और आज का कवि और शायर आज की भाषा में अपनी अभिव्यक्ति खोजता है । बीते हुए कल का रोमांच हम सब को एक स्वपनलोक में ले जाता है, परन्तु जीवन प्रतिक्षण जिया जाता है। कल और आज का द्वंद्व अमित जी ने अपनी रचना “बेकार” में दर्शित किया है।
दो पंक्तियों की “सर्दियों की धुप ” में अमितजी ने भारतियों के दिनचर्या से एक पहलु को ले अपने दिल का हाल सुना डाला।
मुझे उनकी रचना “गन्दा नाला” बहुत अच्छी लगी, जहाँ वो संभवत: अपने ईश्वर या ईश्वर रुपी किसी मार्गदर्शक के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहे हैं । अपने भीतरी विषाद और दुर्बलता को विनम्रतापूर्वक स्वीकारते हुए, अमितजी अपने ईश्वर्य मूर्ति के योगदान का धन्यवाद किया है।
पर अमितजी अपने आलोचकों की कभी कभी की हुयी निरर्थक आलोचना से भी परिचित हैं। उनको बुरा न कह कर, उनकी इंसानियत का उलहाना दे रहे हैं। आलोचना तो कवि का गहना होती है, पर कई लोग कविता के उद्देश्य और भाव को छोड़ अपने दिल की बडास निकालने पर उतारू हो जाते हैं। उनके लिए अमितजी की रचना “आलोचकों के नाम” बहुत सार्थक है।
परिश्रम करना और अपनी कला में निपुण होना एक बात है, प्रसिद्धि का सौभाग्य होना दूसरी| हर वो लेखक और कवि जो अच्छा है प्रसिद्ध नहीं होता। जब कोई भी रचयिता यह विडम्बना देखता है तो रो उठता है। इसी भाव को अमितजी ने “किस्मत” में प्रस्तुत क्या है।
शब्दों में सहजता, विचारों में रवानी और समकालीन अभिव्यक्ति – यह अमित अग्रवाल जी के इस काव्य संग्रह की विशेषतायें हैं।
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